Monday, August 22, 2011

आगाज़




हर देशवासी निकला है .. अब नींद से वो जागा है..
अन्ना ने आगाज किया, एक नए युग की ये सागा है..
हर जन, चाहे हो बूढ़ा बच्चा, सबने की शुरुआत है..
उमड़ा है जन सैलाब , सब मिल गए अब हाथ हैं

कितना रोये और कितना ढोया, टूटा अब ये बाँध है..
नयी क्रांति का फूंका बिगुल है, सब लगता अब आसान है..
प्रकाश की ये किरण दिखी है, राहत की इक उम्मीद है
हर देशवासी साथ है आज, जन की पहली ये जीत है..

रुका पड़ा था .. थमा जड़ा था.. घूम गया ये चक्र है..
सब खड़े साथ.. सब उठे हाथ.. हर चेहरे पे अब फक्र है..
चली हवा अन्ना की.. चल गयी आज इक आंधी है..
आजादी तो मिलनी है.. साथ हमारे भी गाँधी है..


Friday, March 18, 2011

होली है !!


होली है
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आ गया रंगों का त्यौहार,
हम सब को नचाने को |
साल में आता है एक बार,
दिल से दिल को मिलाने को ||

अलग ही मस्ती है इसकी,
अलग है इस दिन की बोली |
सब कुछ करने की छूट है,
क्योंकि आई है होली ||

सब हो गए मतवाले,
खुद ही रंग जाने को |
आ गया रंगों का त्यौहार,
हम सब को नचाने को ||

सबके हाथ में रंग है,
सबके पास में रंग हैं |
भांग के नशे में आज,
सब हो गए बेढंग हैं ||

दुश्मन भी घूम रहे,
आपस में गले मिल जाने को |
आ गया रंगों का त्यौहार,
हम सब को नचाने को ||

ये है रंगों का मौसम,
हवा में उड़ती बहे गुलाल |
बच्चों के हाथ में पिचकारी,
युवा खोजे गोरी के गाल ||

हर गोरी भी तैयार है आज,
रंग से नहाने को |
आ गया रंगों का त्यौहार,
हम सब को नचाने को ||


-- उत्तम उपमन्यु